बाघा को मंदिर में पूजा करते देख लोगों में कौतूहल रहा और उसकी फोटो भी खींचते रहे। डॉग मास्टर सुनील गुप्ता के साथ पहुंचे बाघा ने सबसे पहले काल भैरव का दर्शन किया और उसके बाद माँ सर्वमङ्गला के सामने हाथ जोड़कर आशीर्वाद लिया।
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक मां दुर्गा की पूजा-आराधना तब तक अधूरी रहती है, जब तक कि काल भैरव का दर्शन ना किया जाए। मॉं की पूजा से पहले काल भैरव की पूजा आराधना करना जरूरी होता है और काल भैरव का वाहन श्वान है।
बाघा एक ट्रैकर DOG है जो विशेष कार्य क्षमता रखने के कारण जिला पुलिस बल का खास सहयोगी है। इसने अपनी पदस्थापना के बाद से कई बड़े-बड़े चुनौतीपूर्ण मामलों को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और कोरबा पुलिस को इस पर नाज है।