
पताढी क्षेत्र में राखड़ परिवहन को लेकर अव्यवस्था और मनमानी का आलम लगातार बढ़ता जा रहा है। अडानी लैंको क्षेत्र में चल रहे राखड़ ढुलाई कार्यों में ठेकेदारों द्वारा खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बालाजी कंपनी, जेपी कंपनी और एमएस पटेल कंपनी जैसे ठेकेदारों के ट्रक ओवरलोड राखड़ लादकर सड़कों पर दौड़ रहे हैं। प्रशासनिक उदासीनता के कारण यह अवैध परिवहन व्यवस्था अब स्थानीय लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बन चुकी है।
ग्रामीणों और राहगीरों का कहना है कि ओवरलोड ट्रकों के कारण सड़कों की हालत बद से बदतर हो गई है। कई जगहों पर गड्ढे इतने गहरे हो चुके हैं कि दोपहिया वाहन चालक रोज दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। इसके बावजूद प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। परिवहन विभाग और स्थानीय पुलिस की चुप्पी पर भी लोगों ने सवाल उठाए हैं।
स्थानीय निवासी बताते हैं कि राखड़ ढुलाई के लिए निर्धारित वजन सीमा को ठेकेदार कंपनियां पूरी तरह से नजरअंदाज कर रही हैं। ट्रक में कई टन अधिक राखड़ लादकर चलाया जा रहा है, जिससे सड़कों पर भार बढ़ गया है। कई बार ग्रामीणों ने इस अवैध परिवहन की शिकायत की, लेकिन अधिकारियों ने मौके का मुआयना तक नहीं किया। इससे ठेकेदारों के हौसले बुलंद हैं और वे नियमों की परवाह किए बिना मनमाने तरीके से कारोबार कर रहे हैं।

ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार कंपनियों और प्रशासन के बीच मिलीभगत के कारण यह सब हो रहा है। ओवरलोडिंग की वजह से जहां पर्यावरण प्रदूषण और धूल का संकट बढ़ा है, वहीं गांवों में रहने वाले लोगों की सेहत पर भी असर पड़ रहा है। कई स्थानों पर राखड़ उड़ने से खेतों की फसलें खराब हो रही हैं।
राखड़ ढुलाई करने वाले वाहनों की तेज रफ्तार और वजन अधिक होने के कारण अक्सर हादसों की स्थिति बन जाती है। कई बार ट्रक पलटने की घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन न तो कंपनी प्रबंधन और न ही प्रशासन ने इसकी जिम्मेदारी ली है। लोगों का कहना है कि यदि स्थिति पर जल्द नियंत्रण नहीं पाया गया तो आने वाले दिनों में कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
ग्रामवासियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि ओवरलोड परिवहन पर तुरंत रोक लगाई जाए और जिम्मेदार ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, परिवहन विभाग को सड़कों पर नियमित जांच अभियान चलाने की जरूरत है ताकि ऐसे वाहनों को पकड़ा जा सके जो निर्धारित वजन से अधिक माल ढो रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि आने वाले दिनों में कार्रवाई नहीं की गई तो वे सामूहिक रूप से आंदोलन करेंगे और राखड़ परिवहन को रोकने के लिए सड़कों पर उतरेंगे।
प्रशासन की चुप्पी और ठेकेदारों की मनमानी के बीच, पताढी क्षेत्र के लोग अब न्याय और कार्रवाई की उम्मीद लगाए बैठे हैं।