Monday, June 2, 2025
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कुसमुंडा मे मनाया गया सिखों के पांचवें गुरु अर्जुनदेव के शहीदी पर्व

जीवन चौहान/कोरबा/

सिखों के पांचवें गुरु अर्जुनदेव के शहीदी पर्व पर शुक्रवार को सिख समाज ने कुसमुंडा गुरुद्वारे के पीछे मीठे पानी की छबील लगाई। सुबह से चने व शर्बत का दिनभर सेवादारों ने राहगीरों को शर्बत वह चना की सेवा दी ताकि इस गर्मी में कोई कंठ प्यासा ना रहे। छबील लगाने के पीछे मानना है कि जो यातना गुरु अर्जुन देव ने सहन की वैसी यातना किसी को भी न मिले कुसमुंडा गुरुद्वारा में सुबह से शबद कीर्तन के बाद लोगों ने छबील लगाई। चौक-चौराहों सहित कई सार्वजनिक स्थानों पर सिखों ने ठंडे मीठे पानी की सेवा की यहां राहगीरों को सेवादारों ने शर्बत पिला कर चिलचिलाती धूप में ठंडक का एहसास कराया। मीठा पानीमीठे पानी का शर्बत ठंडक का प्रतीक है ताकि कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को प्यासा न रखें। जब मुगल बादशाह जहांगीर ने गुरु अर्जुन देव जी को गर्म लोहे की कढ़ाई में बैठाकर उन पर गर्म रेत डलवाई तो वे बिल्कुल भी विचलित नहीं हुए और वाहेगुरु का सिमरन करते रहे। उन्हें पानी की बूंद तक के लिए तरसाया गया। उन दिनों जेठ का महीना था और गर्मी का दिन था। गुरु की सहनशीलता के आगे मुगल भी हार गए। तब से उनके शहीदी दिवस पर ठंडे पानी की छबील लगाई जाती है ताकि प्यास की वजह से किसी की आत्मा को कष्ट ना हो उसके बाद गुरुद्वारे में अटूट लंगर वारटाया गया

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