
रितिक वैष्णव की रिपोर्ट
कोरबा। ग्राम पंचायत बगबुडा में बन रही विधायक मद की सड़क अभी पूरी भी नहीं बनी और दरारें पड़नी शुरू हो गईं। सड़क के किनारों पर मिट्टी धंसने और जगह-जगह फटने से ग्रामीणों में भारी नाराज़गी है। लोग साफ कह रहे हैं — “सरकार की सड़क बनी नहीं, टूटनी शुरू हो गई।”
ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का खुला इस्तेमाल हो रहा है। नींव ठीक से नहीं भरी गई, अधूरा छोड़ा गया, और न ही किसी इंजीनियर या जिम्मेदार अधिकारी की सही निगरानी हो रही है। ठेकेदार मनमर्जी से काम चला रहा है और अधिकारी आंख मूंदे बैठे हैं।
गांववालों व सरपंच ने बताया कि यह ₹9 लाख की योजना है, जिसमें सीसी रोड की लंबाई करीब 358 मीटर तय की गई है। काम विधायक मद से स्वीकृत हुआ है और इसका जिम्मा जनपद सदस्य किशन कोसले और ग्राम सरपंच दोनों के हाथ में है। लेकिन सड़क की हालत देखकर साफ है कि गुणवत्ता से ज्यादा जल्दबाजी और जेब भरने की होड़ रही है।

जब इस बारे में सरपंच से बात की गई तो उन्होंने कहा कि काम जनपद सदस्य के जिम्मे है। वहीं जनपद सदस्य किशन कोसले ने कहा कि यह काम विभाग की निगरानी में चल रहा है। यानी जिम्मेदारी की गेंद एक-दूसरे के पाले में उछाली जा रही है — और बीच में गांववाले धूल और दरारें झेल रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि बरसात से पहले ही सड़क टूटने लगी है, जो इस बात का सबूत है कि निर्माण में भारी लापरवाही हुई है। उनका कहना है — “हमने सालों बाद सड़क की उम्मीद की थी, पर अब लगता है कि सड़क नहीं, धोखा मिला है।”

ग्रामीणों ने मांग की है कि पूरा प्रकरण की तकनीकी जांच करवाई जाए और ठेकेदार, जनपद सदस्य किशन कोसले, सरपंच और निगरानी में लगे इंजीनियरों पर कार्रवाई की जाए।
सवाल साफ है —
जब 9 लाख की सड़क बनने से पहले ही फटने लगे, तो जिम्मेदार कौन?
जवाबदेही से भागने वाले अधिकारी और जनप्रतिनिधि आखिर कब जवाब देंगे?


















