

गुरदीप सिंह की रिपोर्ट
कोरबा। कुसमुंडा DAV स्कूल में प्रवेश को लेकर मचे विवाद ने गुरुवार को बड़ा रूप ले लिया, जब आक्रोशित पीड़ित अभिभावकों और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ प्रदर्शन किया और उनका पुतला दहन किया। प्रदर्शनकारियों ने स्कूल प्रशासन पर प्रवेश प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार, भेदभाव और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है।प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि स्कूल में बच्चों का दाखिला लेने के लिए जब वे अभिभावक आवेदन करते हैं, तो प्रिंसिपल और प्रशासनिक अमला उनके साथ दुर्व्यवहार करता है। उन्हें यह कहकर टाल दिया जाता है कि “सीट उपलब्ध नहीं है”, जबकि कई बाहरी और सिफारिशी छात्रों को प्राथमिकता देकर प्रवेश दिया जा रहा है।प्रदर्शन में विशेष रूप से भू-विस्थापित परिवारों, SECL कर्मियों और स्थानीय निवासियों ने भाग लिया। इनका कहना है कि DAV स्कूल की स्थापना ही स्थानीय समुदाय के सहयोग और जनहित के उद्देश्य से की गई थी, लेकिन आज वहीं स्थानीय बच्चे प्रवेश से वंचित किए जा रहे हैं।निष्पक्षता पर उठे सवाल आक्रोशित भीड़ ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रशासन पूरी भर्ती प्रक्रिया को अपारदर्शी तरीके से चला रहा है। विद्यालय प्रबंधन पर पैसे के लेन-देन”, “सिफारिश पर आधारित दाखिला”, और “स्थानीय बच्चों की अनदेखी” जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कई अभिभावकों का कहना है कि उन्हें पहले फार्म भरवाया गया, फिर महीनों तक कोई जवाब नहीं मिला, और अंत में सीट न होने की बात कह दी गई।प्रिंसिपल के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी घटना स्थल पर भारी संख्या में लोग जमा हुए और स्कूल के मुख्य गेट के सामने जमकर नारेबाज़ी की। “प्रिंसिपल होश में आओ”, “भ्रष्टाचार बंद करो”, और “स्थानीयों को हक दो” जैसे नारों से माहौल गर्म रहा। अंत में प्रदर्शनकारियों ने प्रिंसिपल का प्रतीकात्मक पुतला दहन कर अपना आक्रोश व्यक्त किया।विद्यालय प्रबंधन का पक्षDAV स्कूल प्रबंधन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। जिसमें स्कूल प्रिंसिपल चंद्रमोहन पांडे ने एक लिखित बयान में प्रबंधन ने कहा, “हमारी स्कूल में प्रवेश प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी है, जो एक प्रवेश समिति के माध्यम से संचालित की जाती है। हर वर्ष सीमित सीटों के कारण कई योग्य छात्रों को भी हम प्रवेश नहीं दे पाते, लेकिन इसमें कोई पक्षपात या भ्रष्टाचार नहीं किया जाता।”