Monday, October 27, 2025
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शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने वाला ठेकेदार रविशंकर सिंह ठाकुर पर दर्ज हुआ FIR

रायपुर/राजधानी। रायपुर के टिकरापारा थाना क्षेत्र में एक महिला द्वारा दर्ज कराई गई जीरो एफआईआर (Zero FIR) ने एक बार फिर समाज में महिलाओं के साथ छल और शोषण के मामलों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामला उस समय गंभीर हो गया जब यह सामने आया कि आरोपी रवि शंकर ठाकुर, जो सारंगढ़ निवासी और जनपद अध्यक्ष ममता सिंह ठाकुर के जेठ बताए जा रहे हैं, पर महिला ने शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण का गंभीर आरोप लगाया है।जानकारी के अनुसार, पीड़िता ने टिकरापारा थाना रायपुर में शिकायत दर्ज कराई थी कि आरोपी ने स्वयं को तलाकशुदा बताकर विवाह का वादा किया और 8 से 9 महा से तक विश्वास में लेकर उससे संबंध बनाए। पीड़िता के अनुसार, जब उसने विवाह की बात दोहराई, तब आरोपी टालमटोल करने लगा और धीरे-धीरे संपर्क तोड़ने लगा। महिला ने जब गहराई से जांच की, तो उसे आरोपी की वास्तविक स्थिति का पता चला — कि वह तलाकशुदा नहीं है और उसने झूठ बोलकर उसके साथ धोखा किया है।मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने धारा 64(2), 69 सहित अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया। चूंकि घटना रायपुर में रिपोर्ट हुई थी, इसलिए इसे जीरो एफआईआर के रूप में दर्ज कर सारंगढ़ थाना को ट्रांसफर कर दिया गया। पुलिस ने मामले की जांच प्रारंभ कर दी थी, जिसके बाद आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया। प्रारंभिक सुनवाई में सिविल कोर्ट ने जमानत देने से इनकार किया, जिसके बाद आरोपी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जहां से उसे अंतरिम जमानत मिल गई।पीड़िता ने आरोप लगाया है कि जमानत मिलने के बाद आरोपी न केवल उसे धमकाने का प्रयास कर रहा है, बल्कि उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए झूठे आरोप और भ्रम फैलाने की कोशिश भी कर रहा है। महिला ने कहा कि “वह न्याय की उम्मीद में आगे आई थी, लेकिन अब उस पर दबाव बनाया जा रहा है।”इस पूरे मामले ने स्थानीय जनपद राजनीति में भी हलचल मचा दी है। क्योंकि आरोपी एक जनपद अध्यक्ष के परिवार से जुड़ा हुआ है, ऐसे में प्रशासनिक निष्पक्षता और जांच की पारदर्शिता पर भी सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि इस प्रकार के संवेदनशील मामलों में राजनीतिक प्रभाव से मुक्त निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके।पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच अभी जारी है और आरोपों की पुष्टि के लिए साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं। वहीं, महिला की सुरक्षा को लेकर भी प्रशासन सतर्क है। सूत्रों के मुताबिक, यदि किसी भी तरह की धमकी या दबाव की स्थिति उत्पन्न होती है, तो आरोपी की जमानत रद्द करने की कार्रवाई की जा सकती है।इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि समाज में शिक्षा, पद और प्रतिष्ठा के बावजूद महिलाओं को धोखा देकर उनका शोषण करने की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं। कानून स्पष्ट रूप से ऐसे मामलों में कठोर सजा का प्रावधान रखता है, लेकिन सामाजिक दृष्टिकोण और जागरूकता का अभाव आज भी पीड़िताओं के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।

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