
कोरबा. गुमिया में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में श्री कृष्ण, रूखमणी विवाह में श्रोता झूम उठे, 12 अप्रैल से प्रारंभ हुई श्रीमद् भागवत कथा का समापन 20 अप्रैल को हवन सहस्रधारा के साथ होगा, कथा वाचक पंडित राम कुमार दुबे जी श्रोताओं को श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करा रहे हैं, श्री मद्गभावत कथा में छठे दिन श्री कृष्ण और रुक्मणि का विवाह बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। विवाह उत्सव के दौरान प्रस्तुत किए गए भजनों के दौरान श्रद्धालु अपने आप को रोक नहीं पाए और जमकर नाचे। कथा व्यास पंडित रामकुमार दुबे ने कहा कि रुक्मणि भगवान की माया के समान थीं, रुक्मणि ने मन ही मन यह निश्चित कर लिया था कि भगवान श्री कृष्ण ही मेरे लिए योग्य पति हैं लेकिन रुक्मिणी का भाई रूकमी श्रीकृष्ण से द्वेष रखता था इससे उसने उस विवाह को रोक कर, शिशुपाल को रुक्मिणी का पति बनाने का निश्चय किया, इससे रुक्मिणी को दुःख हुआ। उन्होंने अपने एक विश्वासपात्र को भगवान श्री कृष्ण के पास भेजा साथ ही अपने आने का प्रयोजन बताया। इसके बाद श्री कृष्ण जी विदर्भ जा पहुंचे। उधर रुक्मणी का शिशुपाल के साथ विवाह की तैयारी हो रही थी। परंतु उनकी प्रार्थना का असर हुआ और श्री कृष्ण का विवाह रुक्मणी के साथ हुआ। कथा सुनने आए सैकड़ों श्रद्धालुओं भगवान श्री कृष्ण व रुक्मणी की झांकी श्रीकृष्ण, रूखमणी की झांकी चेतन, और मेनका ने सबका मन मोह लियाकथा प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से प्रारंभ होती है, कथा श्रवण करने गांव सहित दूर दूर से श्रोता पहुंच भागवत कथा का रसपान कर रहे हैं, इस कथा के मुख्य यजमान धनश्याम साहू, जमुना साहू, ओम प्रकाश साहू, रूक्मणी साहू, रमेश, प्रेमचन्द, प्रशांत हैं,