
वेदांता ग्रुप क्या सरकार की संपत्ति को समझ बैठा निजी, कार्यवाही का अभाव या जिम्मेदारों का खुला संरक्षण?कोरबा जिले के बालकों में संचालित बालको पावर प्लांट और वेदांता मैनेजमेंट की मनमानी कोई नई बात नहीं है शासकीय भूमि पर कब्जा और संयंत्र के संचालक की मनमानी या यूं कहे नियम विपरीत कार्य मैनेजमेंट का खुला आचरण बन गया है। वेदांता ग्रुप के मनमानी का एक और नया बानगी सामने आया है जिसमें नियम विपरीत शासकीय वन भूमि के पेड़ों को बिना किसी वैध अनुमति के कलम करते हुए अवैध तरीके से अतिक्रमण कर लिया गया पहले वन भूमि पर उगित बड़े जंगल के झाड़ो को काटा गया फिर उसी भूमि में अपने निजी स्वार्थ को सिद्ध करने करते हुए निर्माणाधीन विस्तार परियोजना के लिए पार्किंग और पक्का निर्माण कराया जा रहा है।वेदांता ग्रुप की मनमानी को लेकर जब पत्रकारों के द्वारा अवैध अतिक्रमण के संबंध में पक्ष जानना चाहा तब वेदांता ग्रुप के जनसंपर्क अधिकारी प्रखर सिंह के द्वारा फोन नहीं रिसीव किया गया जो वेदांता ग्रुप के मैनेजमेंट के साथ-साथ निर्देशित आदेश के अनुसार कर्मचारी की मनमानी को भी दर्शाता है।आपको बता दें वेदांता ग्रुप के द्वारा नया विस्तार परियोजना को लेकर शासकीय भूमि के साथ-साथ बड़े झाड़ के जंगल को भी नहीं बक्शा गया उनके इस मनमानी के कारण स्थानीय लोगों को निस्तार और सामान्य उपयोगिता को लेकर भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वेदांता ग्रुप की मनमानी अवैध अतिक्रमण और स्थानीय लोगों की परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुए पत्रकार ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर कर दी माननीय हाईकोर्ट के द्वारा सभी विषय को दृष्टिगत रखते हुए संयंत्र को नोटिस भी जारी किया गया है लेकिन नोटिस के संदर्भ में जब एक पत्रकार संयंत्र का पक्ष जानने की कोशिश करता है तो वेदांता ग्रुप के जनसंपर्क अधिकारी प्रखर सिंह के द्वारा स्थानीय जनमुद्दों को लेकर समाचारों का संकलन करने वाले पत्रकारों को भी तवज्जो नहीं दिया जाता और ना ही संचार संपर्क के माध्यम से जानकारी दी जाती है जो मैनेजमेंट की मनमानी को दर्शाता है।आपको बता दे बड़े झाड़ के जंगल के पेड़ों को काटने के लिए केंद्रीय पर्यावरण के साथ-साथ राज्य सरकार के भी दर्जन भर से अधिक नियमों का पालन किया जाता है लेकिन सभी नियमों को दरकिनार करते हुए वेदांता ग्रुप के द्वारा बड़े झाड़ के जंगलों के पेड़ों को बर्बरता पूर्वक अपने निजी स्वार्थ के लिए काट दिया गया और संयंत्र को स्थापित करने की दिशा में सभी प्रशासनिक नियमों को भी ठेंगा दिखा दिया गया ।वेदांता ग्रुप की मनमानी ने कानून व्यवस्था के निर्देशित मापदंडों के साथ-साथ कार्यवाही और नियम के सभी व्यवस्थाओं की धज्जियां उड़ा दी है।बालकों के आड़ में वेदांता ग्रुप की मनमानी कब तक इसी तरह चलते रहेगा क्या कानून का परिपालन सिर्फ सामान्य लोगों के लिए है या संयंत्र को लेकर बनाए गए कानून सिर्फ कागजों में है क्या धरातल पर भी पूरे नियम के साथ अनुपालन करवाने वाले जिम्मेदार अधिकारी इसी तरह खामोश रहेंगे ।