Sunday, October 26, 2025
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कुसमुंडा खदान में लापरवाही, सुरक्षा नियमों की हो रही अनदेखी, पिकअप पर मजदूरों की ढुलाई से बढ़ा खतरा

गुरदीप सिंह की रिपोर्ट

कोयला खदानों में बढ़ती दुर्घटनाओं के बाद भी प्रबंधन मजदूरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। कोयला मजदूरों को पिकअप पर बैठाकर खदान के भीतर भेजा रहा है। इससे दुर्घटना की स्थिति में जान गंवाने का जोखिम बढ़ गया है।कोयला मजदूरों को पिकअप में बैठाकर खदान में उतारने का फोटा सामने आया है। खुली पिकअप में बैठाकर खदान में ड्यूटी भेजने से कई कोयला मजदूर नाराज हैं। एसईसीएल प्रबंधन और सुरक्षा अधिकारी की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। दुर्घटना की आशंका बढ़ीफोटो में मालवाहक पिकअप पर कोयला कर्मचारियों को बैठाकर खदान के भीतर जाते हुए देखा जा रहा है। बताया जाता है कि एसईसीएल कुसमुंडा के अधिकारियों ने कोयला कर्मचारियों के लिए नया नियम लागू किया है। इसके अनुसार कर्मचारियों को हनुमान मंदिर के करीब स्थित बेरियर के पास अपनी गाड़ी खड़ी करनी होती है। यहां से पैदल चल कर 3 नंबर गेट के पास पहुंचते हैं। वहां मजदूरों को पिकअप पर चढ़ाया जाता है। यहां से खदान भेजा जाता है।अभी बारिश हो रही है और सड़क पर कीचड़ भरा हुआ है। कोयला मजदूरों को मालवाहक पिकअप में बैठाकर खदान भेजने से दुर्घटना की आशंक बढ़ गई है। कर्मचारियों का कहना है कि नए महाप्रबंधक के आने के बाद नए नियम से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने प्रबंधन से सुरक्षा नियमों का पालन कराने की मांग की है। ताकि खदान के भीतर सुरक्षित उतरा सके।हाल ही पकड़ाया तीन ट्रक चोरी का कोयलाएक तरफ कंपनी का स्थानीय प्रबंधन कोयला कामगारों की सुरक्षा की अनदेखी कर रहा है, तो दूसरी ओर कोयला और डीजल चोरी के मामले भी सामने आ रहे हैं। ज्यादा दिन नहीं हुए जब कुसमुंडा खदान से कोयला चोरी का खुलासा हुआ था। तीन ट्रकों को पुलिस ने जब्त किया था। इसपर चोरी का कोयला भरा हुआ था। खदान क्षेत्र से डीजल चोरी के मामले भी समय- समय पर बाहर आ रहे हैं।यह स्थिति तब है, जब कंपनी ने खदान क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थानों पर 32 सीसीटीवी कैमरों को लगाया है। इसके अलावा महत्वपूर्ण स्थानों पर पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती है। इसके बाद भी खदान से चोरी की घटनाएं सामने आ रही हैं। उच्च अधिकारी के नए नियम के अनुसार वर्कर को खदान में एंट्री गेट के अंदर गाड़ी ले जाने की अनुमति नहीं है। मजदूरों की सहूलियत के लिए अभी गाड़ियों की व्यवस्था की जा रही है।

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