गुरदीप सिंह की रिपोर्ट
कोरबा SECL कुसमुण्डा कोयला खदान पर अब महिला बाउंसर के हवाले किया गया है अब देखना यह है की नील कंठ ठेका कम्पनी के द्वारा भू विस्थापित के द्वारा अपनी जमीन के बदले नौकरी पुनर्वास की मांग को लेकर आए दिन महिलाओ के द्वारा SECL कुशमुण्डा कोयला खदान पर चक्का जाम कोयला उत्पादन को बंद करा देना आम बात हो गई है जिस वज़ह से नील कंठ ठेका कम्पनी ने महिला बाउंसरो को नियुक्त किया है l अब लोगो के मन मे अनेको प्रकार के सवाल खड़े कर दिए और SECL कुसमुण्डा प्रबंधन से हमने बात करनी चाहिए लेकिन वह कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है।
सवाल
1)क्या खदान के अंदर महिला बाउंसर का VTC ट्रेनिंग सर्टिफिकेट है
2)क्या नीलकंड कंपनी ने महिला बाउंसर का बी फार्म भरा है ?
3) क्या नीलकंड कंपनी ने महिलाओं बाउंसरो को उनके स्किल के हिसाब से मजदूरी तय किया.?
4)खदान में काम करने के लिए महिला हो या पुरुष पूरा सुरक्षा उपकरण चाहिए,
5)क्या इन बाउंसरों की हाजरी MTK में हो रही है,अगर ये सब नहीं हो रहा है तो SECL कुसमुंडा किसी अनधिकृत व्यक्ति को कैसे खदान में प्रवेश दिया
6)आम लोगो को खदान मे अधिकृत प्रवेश निषेध है फिर महिला बाउंसरो का प्रवेश कैसे हुआ lमहिला बाउंसरो ने हेलमेट को भी नहीं लगाया है और वे स्पोर्ट्स जूता पहन कर अपनी दादागिरी दिखा रही है