Sunday, December 8, 2024
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थानों में हुई जब्त लावारिस वाहनों की नीलामी से जरूरतमंद लोगों को लौटना पड़ा निराश

कोरबा जिलों के थानों में जब्त लावारिस वाहनों की नीलामी 25 नवंबर को नीलामी हुई। जिसमें शामिल होकर खरीदी करने हेतु नागपुर तक से लोग पहुंचे थे। दीपका थाने में सबसे कम कीमत 8 सौ रुपए में एक दोपहिया वाहन बिकी। हालांकि वाहन रजिस्ट्रेशन योग्य नहीं होने से कुछ जरूरतमंदों को निराश होकर वापस भी लौटना पड़ा। कोरबा जिले के पुलिस थानों में जब्त पड़े लावारिस वाहन कंडम होते जा रहे हैं। ऐसे वाहनों के निष्कारण के लिए पुलिस विभाग द्वारा राजस्व विभाग की मदद से नीलामी की जा रही है। इसके अंतर्गत पहले चरण में कटघोरा अनुभाग के थानों के वाहनों की खुली नीलामी प्रक्रिया आयोजित की गई। कुल 454 वाहनों के लिए दीपका, कटघोरा, बांकीमोंगरा, कुसमुंडा व दर्री थाना परिसर में नीलामी रखी गई। इस दौरान कोरबा जिले के अलावा अंबिकापुर, बिलासपुर, रायपुर सहित नागपुर से भी लोग नीलामी में शामिल होकर वाहन खरीदी करने पहुंचे। सभी थानों में राजस्व विभाग की ओर से तहसीलदारों ने खुली नीलामी की प्रक्रिया पूरी की। जिसमें प्रत्येक वाहनों के पीछे बोली लगाकर वाहनों की बिक्री की गई। बोलीलगाकर खरीदी के लिए थाना परिसर में उपस्थित लोग उत्साहित रहे। लोग प्रत्येक वाहन के पीछे एक-दूसरे से अधिक कीमत की बोली पर बोली लगाते रहे। जिससे चंद घंटे के भीतर ही सभी थानों में नीलामी के लिए रखे गए वाहन बिक गए। दीपका थाना में सबसे कम कीमत 8 सौ रुपए में एक वाहन बिकी। सबसे अधिक 193 वाहनों की दीपका थाना में नीलामी हुई जिसमें 4.29 लाख रुपए मिले। कुसमुंडा थाना में 50 वाहनों से 1.23 लाख मिले। बांकीमोंगरा में 32 वाहन से 1.04 लाख, कटघोरा थाना में 138 वाहन से 3.19 लाख और दर्री में 41 वाहन की बिक्री से 1.34 लाख रुपए मिले।* सभी वाहनों का आरटीओ रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकता पुलिस थानों में नीलामी में शामिल होकर जरूरत के अनुसार कम कीमत में दो पहिया वाहन खरीदने का सपना लेकर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। जो काफी उत्साहित नजर आ रहे थे। लेकिन नीलामी शुरू करने से पहले ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों को साफतौर पर बता दिया कि वाहनों में इंजन-चेचिस नंबर नहीं है। ऐसे में वाहनों का आरटीओ से रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकता और न ही सड़क पर चलाया जा सकता है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग निराश होकर वापस लौटे।* कबाड़ी सहित गैरेज संचालकों ने की खरीदी थानों में टेंट लगाकर नीलामी की प्रक्रिया पूरी की गई। नीलाम हो रहे दोपहिया वाहनों के इंजन-चेचिस नंबर नहीं होने या स्पष्ट उल्लेख नहीं होने की स्थिति में वे वैधानिक रूप से चलाने के योग्य नहीं थे। इसलिए ऐसे ज्यादातर वाहनों को स्थानीय व बाहर बिलासपुर, अंबिकापुर, रायपुर, नागपुर से पहुंचे कबाड़ियों ने खरीदा। स्थानीय गैरेज संचालकों ने भी वाहनों की खरीदी की। कई लोगों ने पार्ट्स की जरूरत होने पर वाहनों की बोली लगाकर खरीदी कर ली।

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