
कोरबा जिला में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने वालों की नजर गिद्द की तरह है और खुलेआम नियम के विपरीत अतिक्रमण और निर्माण का कार्य किया जा रहा है इसी तरह का मामला कोरबा के रिसदी में स्थित स्वेता नर्सिंग होम का सामने आया है जहां अस्पताल के संचालक ने पहले तो शासकीय भूमि पर कब्जा किया उसके बाद उसमें निर्माण करते हुए पार्किंग और बाउंड्री वॉल बना लिया जिसके शिकायत कोरबा कलेक्टर के समक्ष किया गया शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने एसडीएम को जांच के निर्देश दिए लगभग 8 महीने के जांच के बाद एसडीएम ने अतिक्रमण को मुक्त करने का आदेश जारी किया है जानकारी के माने तो जल्द से जल्द इस अतिक्रमण को जिला प्रशासन के द्वारा खाली करा लिया जाएगा ।
अस्पताल में जब पार्किंग नहीं है तो ऐसे में अस्पताल चलाने के लिए लाइसेंस का अप्रूवल कैसे हुआ क्या गलत जानकारी देकर अस्पताल का लाइसेंस लिया गया है यह भी सोचने वाली बात है।
जिला चिकित्सालय में पदस्थ मैडम कुजूर का मैक्सिमम समय स्वेता नर्सिंग होम के निजी क्लीनिक में व्यतीत होता है कही ऐसा तो नही कुजूर मैडम अपने पति के आड़ में स्वेता हॉस्पिटल का संचालन तो नही कर रहे है और यदि ऐसा है तो क्या शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर सुनियोजित तरीक़े से योजना बनाई गई है।
इस अतिक्रमण को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं आखिर किसके मिली भगत से इतने बड़े अस्पताल के प्रबंधन के द्वारा अस्पताल का निर्माण कर बिना किसी भय के संचालन होता रहा लेकिन किसी तरह की प्रशासनिक कार्रवाई नहीं हुई।
बिना अनुमती निजी भवन के निर्माण में नगर पालिक निगम के द्वारा करवाई करते हुए बिना अनुमति निर्माण कर्ताओं को नोटिस थमाते हुए अनुमति लेने की बात की जाती है लेकिन क्या जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा निजी भूमि के क्षेत्रफल के अनुरूप निर्माण पर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया गया और यदि किया गया तो कैसे मुख्य मार्ग में शासकीय भूमि पर खुलेआम अतिक्रमण हो गया।
हालांकि इस अतिक्रमण पर जल्द से जल्द कार्रवाई की बात कही जा रही है अब देखना होगा कितने दिनों के बाद अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलता है।कोरबा जिला में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने वालों की नजर गिद्द की तरह है और खुलेआम नियम के विपरीत अतिक्रमण और निर्माण का कार्य किया जा रहा है इसी तरह का मामला कोरबा के रिसदी में स्थित स्वेता नर्सिंग होम का सामने आया है जहां अस्पताल के संचालक ने पहले तो शासकीय भूमि पर कब्जा किया उसके बाद उसमें निर्माण करते हुए पार्किंग और बाउंड्री वॉल बना लिया जिसके शिकायत कोरबा कलेक्टर के समक्ष किया गया शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने एसडीएम को जांच के निर्देश दिए लगभग 8 महीने के जांच के बाद एसडीएम ने अतिक्रमण को मुक्त करने का आदेश जारी किया है जानकारी के माने तो जल्द से जल्द इस अतिक्रमण को जिला प्रशासन के द्वारा खाली करा लिया जाएगा ।
अस्पताल में जब पार्किंग नहीं है तो ऐसे में अस्पताल चलाने के लिए लाइसेंस का अप्रूवल कैसे हुआ क्या गलत जानकारी देकर अस्पताल का लाइसेंस लिया गया है यह भी सोचने वाली बात है।
जिला चिकित्सालय में पदस्थ मैडम कुजूर का मैक्सिमम समय स्वेता नर्सिंग होम के निजी क्लीनिक में व्यतीत होता है कही ऐसा तो नही कुजूर मैडम अपने पति के आड़ में स्वेता हॉस्पिटल का संचालन तो नही कर रहे है और यदि ऐसा है तो क्या शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर सुनियोजित तरीक़े से योजना बनाई गई है।
इस अतिक्रमण को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं आखिर किसके मिली भगत से इतने बड़े अस्पताल के प्रबंधन के द्वारा अस्पताल का निर्माण कर बिना किसी भय के संचालन होता रहा लेकिन किसी तरह की प्रशासनिक कार्रवाई नहीं हुई।
बिना अनुमती निजी भवन के निर्माण में नगर पालिक निगम के द्वारा करवाई करते हुए बिना अनुमति निर्माण कर्ताओं को नोटिस थमाते हुए अनुमति लेने की बात की जाती है लेकिन क्या जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा निजी भूमि के क्षेत्रफल के अनुरूप निर्माण पर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया गया और यदि किया गया तो कैसे मुख्य मार्ग में शासकीय भूमि पर खुलेआम अतिक्रमण हो गया।
हालांकि इस अतिक्रमण पर जल्द से जल्द कार्रवाई की बात कही जा रही है अब देखना होगा कितने दिनों के बाद अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलता है।