
कोरबा जिले में फर्जी नियुक्ति वाले कर्मचारीयों पर कार्यवाही कोई नई बात नहीं है पूर्व में भी फर्जी पुत्र बनकर SECL द्वारा अर्जित भूमि में नौकरी करने वाले लोगों पर पुलिस ने कार्यवाही की है जिसमें जांच उपरांत बर्खास्त के साथ अपराध भी पंजीबद्ध हुआ है ।ऐसा ही एक मामला एसईसीएल रजगामार उपक्षेत्र का है जहाँ मैकेनिकल फिटर हेल्पर के पद पर कार्यरत दुर्गा श्रीवास पिता दामोदर श्रीवास जो मूलतः सक्ति जिला का निवासी है। उसके द्वारा इसी तरह SECL में अर्जित भूमि में फर्जी पुत्र बनकर नौकरी हासिल कर लिया गया जो नियम के विपरित है। मूल निवासी सक्ति जिला अधिग्रहित जमीन कोरबा जिला का है दुर्गा श्रीवास की जाती और अधिग्रहित जमीन की जाती में भिन्न्ता स्थान में भिन्नता मिशल रिकार्ड में भिन्नता जो दस्तावेज से स्पष्ट है।फर्जी नौकरी करने वालों के द्वारा अक्सर कहा जाता है कि उन्हें गोद लिया गया है।गोद लेने के लिए प्रक्रिया होती है जिसमें स्पष्ट किया जाता है कि दंपति का कोई संतान नहीं है लेकिन अधिग्रहित किए गए जमीन के हितग्राही के संतान है और वह आज भी जमीन के एवज में मिलने वाले नौकरी से लाभान्वित नही है।फर्जी नौकरी करने वाले दुर्गा श्रीवास की पढ़ाई लिखाई और अंक सूची,दाखिल खारिज सहित मिसल रिकॉर्ड उनके इस फर्जी नौकरी को प्रमाणित करता है। और अधिग्रहित जमीन के उत्तराधिकारियों का मिसल रिकॉर्ड इस बात को स्पष्ट करता है कि वे अभी तक लाभ से वंचित है और उनके लाभ को नियम विपरीत कूट रचना करते हुए दुर्गा श्रीवास ने SECL की नियुक्ति समय स्वयं को उनका पुत्र बताया है।कोल बेरिंग एक्ट के तहत परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का प्रावधान था लेकिन यदि वह परिवार का सदस्य ही नहीं है जो दस्तावेजों से स्वतः प्रमाणित हो जाएगा।इस मामले में जल्द ही उच्च स्तरीय शिकायत के साथ अग्रिम कार्रवाई होना है जांच के बाद जल्द ही इस कूटरचना से पर्दा हटेंगे।