
जीवन चौहान/रिपोर्टर/कोरबा। आयुर्वेद विभाग की शहर में महज एक मात्र डिस्पेंसरी बालको पाड़ीमार में संचालित है। इसके अलावा शहर के किसी भी हिस्से में आयुष विभाग की डिस्पेंसरी सुविधा नहीं शुरु हो सकी है। अब अपनी विस्तार अंतर्गत आयुर्वेद विभाग डिस्पेंसरी को भी शामिल किया है। पाड़ीमार के अलावा अब शहर के कुछ और स्थानों में आयुष विंग चलाने की कवायद शुरु हुई है। इनमें रानी धनराज कुंवर अस्पताल में आयुष विंग के साथ पंचकर्म यूनिट लगाने की तैयारी विभाग के द्वारा की जा रही है। पिछले दिनों विभागीय चिकित्सकों की बैठक में इस संबंध में चर्चा हुई है। इसके अलावा जिले के अन्य क्षेत्रों में जहां आयुष औषधालय चल रहे हैं उनमें से सर्वाधिक आबादी वाले क्षेत्र में चलने वाले औषधालय को डिस्पेंसरी का स्वरुप दिया जाएगा। वर्तमान में बरपाली क्षेत्र में औषधालय लंबे समय से संचालित है जिसे डिस्पेंसरी के रुप में और अन्य सुविधाएं शुरु किए जाने की तैयारी चल रही है ताकि बरपाली में मड़वारानी, सरगबुंदिया, कोथारी आदि ग्रामीण क्षेत्रों तक आयुष चिकित्सा की सुविधा पहुंच सके। इस संबंध में उदय शर्मा, जिला आयुर्वेद अधिकारी ने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सा के विस्तार योजना पर विभाग के द्वारा काम किया जा रहा है। कुछ नई डिस्पेंसरी खोलने की तैयारी शुरु की गई है। शासन को इसका प्रस्ताव भी गया है। जिले के सभी पीएससी में आयुर्वेद चिकित्सक पदस्थ हैं जिनके द्वारा उपचार किया जा रहा है।
बाक्स
शिविर में दिखा था रुझान
ग्रामीण अंचलों में आयुष विभाग के द्वारा पिछले एक पखवाड़े से वयवंदन योजना अंतर्गत लगाए जा रहे शिविर में आयुष आयुर्वेद चिकित्सा विभाग के प्रति ग्रामीणों में बढ़ती रुझान को देखते हुए विभाग ने इसकी तैयारी की है। विभाग की माने तो वयवंदन योजना अंतर्गत जिस तरह से बुजुर्गों को आयुर्वेद चिकित्सा का लाभ दिया गया है उसी तर्ज पर अन्य उम्र के लोगों ने आयुर्वेद चिकित्सा में उपचार कराया है। इसे देखते हुए आयुष डिस्पेंसरी की तैयारी शुरु की जा रही है। प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।