
जीवन चौहान/रिपोर्टर/कोरबा। सरकार की महतारी वंदन योजना में अपात्र लोगों के द्वारा लाभ लिए जाने के मामले में बीते दो माह से चल रहे सत्यापन अभियान के दौरान 30 हितग्राहियों के नाम हट चुके हैं और इतने ही हितग्राहियों के नाम राज्य शासन को हटाने के लिए भेजे गए हैं। इस अभियान से आने वाले महीनों में और भी हितग्राहियों के नाम हटाए जाएंगे।
महतारी वंदन योजना में अब सरकार के द्वारा कड़ाई बरती जा रही है प्रतिमाह एक हजार रुपए वाली इस योजना से लाभ लेने वाले हितग्राहियों की संख्या अकेले कोरबा जिले में ही 2 लाख 40 हजार हैं और इतने ही बीपीएल कार्डधारी भी हैं। जिस तरह बीपीएल कार्डधारियों का सत्यापन चल रहा है, उसी तरह सरकार के आदेश पर महतारी वंदन योजना के हितग्राहियों का सत्यापन कड़ाई से शुरु हुआ है। ऐसी स्थिति में हितग्राहियों के द्वारा योजना का लाभ लेने के समय प्रस्तुत किए गए सभी दस्तावेजों का अब बारीकी से परीक्षण किया जा रहा है। जिसमें आधार कार्ड से लेकर स्थानीय पता, पेनकार्ड, बैंक खाता, पति का व्यवसाय जैसे 12 बिंदुओं पर विभाग जानकारी एकत्र कर रहा है। कुछ हितग्राही सत्यापन के दौरान गलत पता बताए जाने से बस्ते खुल रहे हैं। ऐसे हितग्राहियों की राशि होल्ड रखी जा रही है जो सत्यापन रिपोर्ट के बाद खाते में जारी होगी। अभियान से उन हितग्राहियों में हड़कंप मचा है जो योजना के नियमों के अंतर्गत नहीं आते और इसका लाभ ले रहे थे।
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कैसे मिला लाभ
योजना का लाभ लेने के लिए कुछ महिलाओं ने आधार कार्ड नहीं बने होने का हवाला देकर पति का आधार कार्ड लगा दिया था और सरकारी अमला भी यह जानते हुए कि योजना में महिलाओं को लाभान्वित करना है उनके द्वारा पति के आधारकार्ड को मान्य कर महिला हितग्राहियों को योजना के दायरे में ले आए ऐसे हितग्राहियों की संख्या ज्यादा है जिनके दस्तावेज में पति का आधारकार्ड संलग्न है। मामले में सरकारी अमले की लापरवाही सामने आई है, जिसपर शासन ने संज्ञान लिया है ऐसे हितग्राहियों के नाम योजना से हटा दिए गये हैं। दस्तावेज परीक्षण के दौरान इन सब बातों को नजर अंदाज कर दिया गया परिणाम स्वरुप पात्रों को योजना का लाभ बीते 14 माह से मिल रहा है।
रेणु प्रकाश डीपीओ, महिला बाल विकास विभाग ने बताया कि महतारी वंदन योजना के तहत ऐसे हितग्राही जो योजना के मापदंड के तहत अपात्र हैं और उनके द्वारा योजना का लाभ गलत ढंग से लिया जा रहा था ऐसे हितग्राहियों के नाम सत्यापन के दौरान हटाए जा रहे हैं। सत्यापन अभियान शासन के निर्देश पर लगातार चलाया जाएगा। 26 हितग्राही के अलावा कुछ और हितग्राही के नाम हटाए जाएंगे।